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सावन विशेष : आज हम आपको एक अनोखे रहस्य के बारे मे बताने जा रहे है जो जुड़ा है भगवान शिव के निवास स्थान से क्या आपने कभी ये सोचा है की आज तक माउंट एवरेस्ट पर कई लोग सफलता पूर्वक चढ़ चुके है। कैलाश पर्वत पर आजतक क्यों नहीं चढ़ सका इंसान आइए जानने की कोशिश करते हैं इसका जवाब।
कैलाश पर्वत पर आजतक क्यों नहीं चढ़ सका इंसान
आज तक कैलाश पर्वत पर कोई व्यक्ति नही चढ़ सका। आपको बता दे की कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश लगभग 18 साल पहले यानी साल 2001 में की गई थी। जब चीन ने स्पेन की एक टीम को कैलाश पर्वत पर चढ़ने की अनुमति दी थी। फिलहाल कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है, क्योंकि भारत और तिब्बत समेत दुनियाभर के लोगों का मानना है कि यह पर्वत एक पवित्र स्थान है, इसलिए इस पर किसी को भी चढ़ाई नहीं करने देना चाहिए।
कैलाश पर्वत का रहस्य
कैलाश पर्वत पर कभी किसी के नहीं चढ़ पाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर शिव जी निवास करते हैं और इसीलिए कोई जीवित इंसान वहां ऊपर नहीं पहुंच सकता। मरने के बाद या वह जिसने कभी कोई पाप न किया हो, केवल वही कैलाश फतह कर सकता है।
ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है। चूंकि बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है, इसीलिए कोई भी इंसान आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ सका। कहते हैं की यहाँ आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, ध्यान से सुनने पर यह आवाज डमरू या ॐ की ध्वनि जैसी सुनाई देगी। वैज्ञानिकों का मानना है की प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से डमरू और ॐ की आवाजें सुनाई देती हैं।
कैलाश पर्वत का इतिहास
हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बहुत महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है। लेकिन इसमें सोचने वाली बात ये है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को अभी तक 7000 से ज्यादा लोग फतह कर चुके हैं, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया, जबकि इसकी ऊंचाई एवरेस्ट से लगभग 2000 मीटर कम यानी 6638 मीटर है। यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है।
यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। इसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है, अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र।
कस्तूरी मृग का रहस्य
आपने कभी न कभी तो कस्तूरी मृग का नाम तो सुना ही होगा। दुनिया का सबसे दुर्लभ माने जाने वाला मृग है कस्तूरी मृग। यह उत्तर पाकिस्तान, उत्तर भारत, चीन, तिब्बत, साइबेरिया, मंगोलिया में ही पाया जाता है जिसकी कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है और इसका उपयोग औषधी बनाने के लिए किया जाता है। इसीलिए कस्तूरी मृग की कस्तूरी को दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक माना जाता है।